विद्युत विभाग समाचार में पढ़ा कि विद्युत नियामक आयोग की जनसुनवाई जगदलपुर में नहीं होगी. क्या…
Category: नक्कारखाने की तूती
यह शीर्षक हमारे उन विचारों के लिए है जो लगातार हमारा दम घोंटते हैं परन्तु हम उन्हें आपस में ही कह सुन कर चुपचाप बैठ जाते हैं. चुप बैठने का कारण होता हैं हमारी ‘अकेला’ होने की सोच! इस सोच को तड़का लगता है इस बात से कि ‘सिस्टम ही ऐसा है क्या किया जा सकता है. और ऐसा सोचना पागलपन हैे.’ हर पान की दुकान, चाय की दुकान और ट्रेन के सफर में लगातार होने वाली ये हर किसी की समस्या होती है, ये चिन्ता हर किसी की होती है. और सबसे बड़ी बात कि समस्या का हल भी वहीं होता है. ऐसी समस्या और उसका हल जो दिमाग को मथ कर रख देता हैं उनका यहां स्वागत हैं. तो फिर देर किस बात की कलम उठाईये और लिख भेजिए हमें.
प्रवेशांक-नक्कारखाने की तूती-आरएसी टिकट में रेल जागरण यात्रा
ट्रेन से यात्रा करते वक्त कितनी दफा टीटी आपकी आरएसी टिकट से बर्थ कंफर्म किया है…